मूँ लटकाते आओगे और दांत दिखाते जाओगे - ऐसी तासीर है हमारे खस्ता शेरों की
वाह वाह क्या बात व्यंग मे कितनी गहरी बात कह दी
अपने ही भट्टे ! :)संघर्ष करो , हम तुम्हारे साथ हैं।
देख के इकट्ठे,उल्लू के पट्ठेछूट रहे हैंहंसी के ठट्ठे।
आते जाओ, मुस्कराते जाओ!
3 टिप्पणियाँ:
वाह वाह क्या बात
व्यंग मे कितनी गहरी बात कह दी
अपने ही भट्टे ! :)
संघर्ष करो , हम तुम्हारे साथ हैं
।
देख के इकट्ठे,
उल्लू के पट्ठे
छूट रहे हैं
हंसी के ठट्ठे।
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आते जाओ, मुस्कराते जाओ!