सोमवार, 29 अप्रैल 2013

चक्कू रामपुरी "अहिंसक" के देहाती दोहे


भारत हमको जान से प्यारा है ...
कुत्ते दुई परकार के सुनौ ध्यान से संत
चाट-चाट बेदम करैं या काट-काट कै अंत

आज़ाद हिन्द की आस में वीर हुए कुर्बान
ठग आजादी चर गए माल बाप का जान

नेताजी बस इक भए बोस सुभाष बलवीर
अब कायर नेता हो लिए, मारे कद्दू में तीर

चीनी पिकनिक कर रहे लद्दाखी हैं तंग
कोयला मंत्री खा गए रक्षा मंत्री मलंग

भोगी द्वीप खरीदते काले धन का ढेर
जनता के दिन न फिरे हुई  सबेर पै देर

फ़त्ते बोझा सर धरे, पहुँचेंगे उस पार
ढोते-ढोते न थकें, सो चट्ट गये अचार!

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

फ़्रेंड - फेसबुकी कुंडली

फेसबुक अनुपलब्ध पृष्ठ
सारा दिन जो ज्ञान को बाँट रहे थे फ़्रेंड
हमने थोड़ा लौटाया तो यारी का दी एंड

यारी का दी एंड मिटाया नाम हमारा
हाथ झाड़ के हमसे उन्ने किया किनारा

किया किनारा चैन बड़ा है उनके बिन
खाली-पीली वाल पोतते थे सारा दिन

[वैधानिक सूचना: फेसबुक शब्द पर ख़स्ता शेर का कोई कॉपीराइट नहीं है।]