भारत हमको जान से प्यारा है ... |
चाट-चाट बेदम करैं या काट-काट कै अंत
आज़ाद हिन्द की आस में वीर हुए कुर्बान
ठग आजादी चर गए माल बाप का जान
नेताजी बस इक भए बोस सुभाष बलवीर
अब कायर नेता हो लिए, मारे कद्दू में तीर
चीनी पिकनिक कर रहे लद्दाखी हैं तंग
कोयला मंत्री खा गए रक्षा मंत्री मलंग
भोगी द्वीप खरीदते काले धन का ढेर
जनता के दिन न फिरे हुई सबेर पै देर
फ़त्ते बोझा सर धरे, पहुँचेंगे उस पार
ढोते-ढोते न थकें, सो चट्ट गये अचार!
6 टिप्पणियाँ:
चक्कू रामपुरी के लिए तालियाँ ...
मनोरंजक व्यंग ....धार बहुत तीखी है ..
धन्यवाद....
चक्कू रामपुरी के दोहे अहिंसक होते हुये भी सतसैया की तरह तीक्ष्ण मारक हैं. सार्थक नाम है चक्कू रामपुरी.
रामराम.
चीनी पिकनिक कर रहे लद्दाखी हैं तंग
कोयला मंत्री खा गए रक्षा मंत्री मलंग
vaah sabhi mast hai !
आज़ाद हिन्द की आस में वीर हुए कुर्बान
ठग आजादी चर गए माल बाप का जान
.सच अपना होता तो क़द्र समझ आती.. बाप का है क्या समझेंगे ...बहुत खूब ...बहुत सही ..
बहुत सामयिक दोहे !
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आते जाओ, मुस्कराते जाओ!