रॉबर्ट फ्रॉस्ट की एक कविता है - Miles to go before I sleep. बच्चों के बुढ़ऊ अंकल नेहरू इसे अमर कर गए क्यों कि मृत्यु के समय यह कविता उनकी टेबल पर पाई गई। अब चाहे जो कारण रहे हों, पाई गई और इंस्टेंट हिट हो गई।
मैंने कभी उन 4 पंक्तियों का अनुवाद किया था जिसे साथियों ने बहुत पसन्द किया।
गहन एकांत वन तिमिर शांत
परंतु प्रतिज्ञाएँ हैं उद्भ्रांत
मीलों जाना इसके पहले की होऊँ शान्तमीलों है जाना इसके पहले कि होऊँ शांत।
आज गंगेश को गर्वपूर्वक सुनाया तो उसने धीरे से कहा आप शायद lovely को lonely जान रहे थे। इसीलिए 'एकांत' अनुवाद किये हैं लेकिन lovely ही सही है। मुझे साँप सूँघ गया। घबराहट दबा कर 'जो बोले सो कुंडी खोले' की तर्ज पर मैंने कहा - तुम्हीं कर दो बढ़िया सा अनुवाद।
थोड़ी देर बाद यह जवाब मिला:
गहन सुंदर तिमिर वन
उसमे ज़ोर से सन्नाटा बाजे
जिसका काम उसी को साजे
दूजा करे तो डंडा बाजे
साथ ही स्माइली के साथ क्षमा प्रार्थना: आपसे ही सीखा है 'खस्ता शेर' ब्लॉग पर।
हमलोग इस ब्लॉग पर अच्छी सीखें दे रहे हैं कि नहीं?
11 टिप्पणियाँ:
आनन्द आ गया...
यह सही रहा ....! शुभकामनायें !
कमाल कीता है जी!
चाचा नेहरू को बधाई!
रॉबर्ट फ्रॉस्ट को बधाई!
तिमिर वन को बधाई!
राव बंधुओं को बधाई!
सतीश जी एवम् भारतीय नागरिक जी,
आभार!
रोहित जी,
आपका हार्दिक धन्यवाद. खस्ता शेर में आपके खैरकदम की कमी काफी शिद्दत से महसूस की जा रही थी - अल्लाह ताला ने सुन ही ली आखिरकार. वाकई बडा कारसाज़ है। आपका रफटफ ब्लॉग भी देखा, शुभकामनायें!
बहुत बढिया
हम तो जी बाट देख रहे थे कि बाल दिवस आये और फ़िर हम कमेंट करें।
वस्ताद बंधुओं के दोनों अनुवाद बढिया हैं।
हमसे एक चूक हो गई थी, ब्लॉग्स की दुनिया में आपका खैरकदम तो किया ही नहीं था हमने, सीधे कमेंट मार दिया करते थे। रोहित जी ने राह दिखाई, तो जी हमारी तरफ़ से भी स्वागत है आपका, ब्लॉग्स की दुनिया में।
@मो सम कौन?
;)
बहुत बढिया सीख दे रहे हैं हम तो अब तक पीछे ही रह गये सीख लेने से। अब आते रहेंगे। धन्यवाद।
वाह वाह
मुझे ऐसे ही ब्लाग की तलाश थी
शुक्रिया ज्योति, आपके आने से हो जायेगा रौशन यह ब्लॉग।
bahut sahi rahi... jiska ... usi ke sir ;-)
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