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सारा दिन जो ज्ञान को बाँट रहे थे फ़्रेंड
हमने थोड़ा लौटाया तो यारी का दी एंड
यारी का दी एंड मिटाया नाम हमारा
हाथ झाड़ के हमसे उन्ने किया किनारा
किया किनारा चैन बड़ा है उनके बिन
खाली-पीली वाल पोतते थे सारा दिन
[वैधानिक सूचना: फेसबुक शब्द पर ख़स्ता शेर का कोई कॉपीराइट नहीं है।]
9 टिप्पणियाँ:
अरे साब ऐसों के लिए क्या दिन ख़राब करना ....
किस किस को देखिये, किस किस को रोइए
आराम बड़ी चीज़ है, मुंह ढक के सोइए
बढ़िया कुंडली | आभार
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Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
:-)
बहा दी होगी ज़रूर उल्टी ज्ञान धारा
इसी लिए उड़ेल दिया अपना रोष सारा । :):)
:)
शांति मिली :)
..ऐसा हमरे साथ भी हुआ है !!
हा हा हा बहुत बढिया शेर हैं
चलिय आखिर कितना भी घूम फिर लो ..बाते बना लो लेकिन आखिर सुकून अपने घर में ही मिलता है ...बहुत खूब ...
वाह जी वाह
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