मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

हम तो हैं परदेस में ... दीपावली शुभ हो!

居酒屋 में विनम्र विदेशियों के आतिथ्य का आनद उठा रहे मुनीश शर्मा जी ने दीवाली पर घर से बाहर होने के दुख को कुछ इस प्रकार व्यक्त किया:
माना कि है ये दीवाली घर से दूर और निपट अकेले ,
पर वो भी क्या होगा इंसां जिसने कभी न ये पापड़ बेले :)
वाह, वाह! अब आपको पता ही है कि वह मित्रता ही क्या जो अन्य मित्रों को प्रभावित न करे। और वह खस्ता शेर ही क्या जो कम से कम एक खस्ता ग़ज़ल की प्रेरणा न बने। तो साहब, पेश है यह गीत
ये पापड भी ले लो
ये बेलन भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी कढाई
मगर मुझको लौटा दो जगमग दीवाली
वो खीलें बताशे पटाखे मिठाई

ये पापड भी ले लो ...

मुहल्ले की 
लड़की वो सबसे चकानी
पहुँचे हुओं को पिला दे जो पानी
वो पानी में उसके पटाखे डुबोना
फिर आँसू से उसका मुझको भिगोना
पटाखे मेरे छीनकर फिर चलाना
वो हंसना, छकाना, औ' वो खिलखिलाना

भुला न सकूँ चूड़ी की खनखनाहट
उन आँखों की फिर से बड़ी याद आई

ये पापड भी ले लो ...
आपके मित्रों, परिजनों के साथ आपको भी पर्व की मंगलकामनायें!
तमसो मा ज्योतिर्गमय!

9 टिप्पणियाँ:

Nitin Kumar Patel ने कहा…

दीपोत्सव की आपको भी हार्दिक शुभ कामनाएं...

मुनीश ( munish ) ने कहा…

khoob ! shubh DEEPAWALI.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

दिवाली पर्व है खुशिओं का, उजालों का, लक्ष्मी का, इस दिवाली आपकी जिंदगी खुशिओं से भरी हो, दुनियां उजालों से रोशन हो, घर पर माँ लक्ष्मी का आगमन हो!
शुभ दीपावली!

बेनामी ने कहा…

:)))
:D
:)

संगीता पुरी ने कहा…

तमसों मां ज्‍योर्तिगमय ..
.. आपको भी दीपावली की शुभकामनाएं !!

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!

संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

सव्यसांची अदिति ने कहा…

ladki chakani??? kripya iska arth spast karen.......

सव्यसांची अदिति ने कहा…

ladki chakani ka arth spast karen......

Smart Indian ने कहा…

@Aadi,
क्षेत्रीय शब्द है. अर्थ कुछ तेजस्वी, छकाने वाला, थकाने वाला, "तेज-तर्रार" और कुछ ऊर्जा से भरपूर के कोम्बिनेशाना जैसा होगा.

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