居酒屋 में विनम्र विदेशियों के आतिथ्य का आनद उठा रहे मुनीश शर्मा जी ने दीवाली पर घर से बाहर होने के दुख को कुछ इस प्रकार व्यक्त किया:
तमसो मा ज्योतिर्गमय!
माना कि है ये दीवाली घर से दूर और निपट अकेले ,वाह, वाह! अब आपको पता ही है कि वह मित्रता ही क्या जो अन्य मित्रों को प्रभावित न करे। और वह खस्ता शेर ही क्या जो कम से कम एक खस्ता ग़ज़ल की प्रेरणा न बने। तो साहब, पेश है यह गीत
पर वो भी क्या होगा इंसां जिसने कभी न ये पापड़ बेले :)
ये पापड भी ले लोआपके मित्रों, परिजनों के साथ आपको भी पर्व की मंगलकामनायें!
ये बेलन भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी कढाई
मगर मुझको लौटा दो जगमग दीवाली
वो खीलें बताशे पटाखे मिठाई
ये पापड भी ले लो ...
मुहल्ले की लड़की वो सबसे चकानी
पहुँचे हुओं को पिला दे जो पानी
वो पानी में उसके पटाखे डुबोना
फिर आँसू से उसका मुझको भिगोना
पटाखे मेरे छीनकर फिर चलाना
वो हंसना, छकाना, औ' वो खिलखिलाना
भुला न सकूँ चूड़ी की खनखनाहट
उन आँखों की फिर से बड़ी याद आई
ये पापड भी ले लो ...
तमसो मा ज्योतिर्गमय!
9 टिप्पणियाँ:
दीपोत्सव की आपको भी हार्दिक शुभ कामनाएं...
khoob ! shubh DEEPAWALI.
दिवाली पर्व है खुशिओं का, उजालों का, लक्ष्मी का, इस दिवाली आपकी जिंदगी खुशिओं से भरी हो, दुनियां उजालों से रोशन हो, घर पर माँ लक्ष्मी का आगमन हो!
शुभ दीपावली!
:)))
:D
:)
तमसों मां ज्योर्तिगमय ..
.. आपको भी दीपावली की शुभकामनाएं !!
आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
ladki chakani??? kripya iska arth spast karen.......
ladki chakani ka arth spast karen......
@Aadi,
क्षेत्रीय शब्द है. अर्थ कुछ तेजस्वी, छकाने वाला, थकाने वाला, "तेज-तर्रार" और कुछ ऊर्जा से भरपूर के कोम्बिनेशाना जैसा होगा.
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