मूँ लटकाते आओगे और दांत दिखाते जाओगे - ऐसी तासीर है हमारे खस्ता शेरों की
हाँ जी सब का अलग अलग रोल है आभार
क्या बात है अनुराग जी ...
वाह !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बर्गर नहीं ककड़ी खाइए साथ साथ ब्लॉग बुलेटिन पढ़ते जाइए
किसी ने थाम लिया... a friend in need is indeed
BADHIYA SIR.....!
वाह: खूब कहा..अनुराग जी
इतना भी तक़दीर वाला,नहीं हर कोईजिस मोड़ पे भी आए,था सामने कोई
सार्थक पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आका इंतजार रहेगा । धन्यवाद .
प्रेम जी, आपकी पोस्ट पर छोडी हुई मेरी टिप्पणियाँ वहाँ दिखाई नहीं देती हैं - ज़रा पता करके बताइये कि माजरा क्या है।
आते जाओ, मुस्कराते जाओ!
11 टिप्पणियाँ:
हाँ जी
सब का अलग अलग रोल है
आभार
क्या बात है अनुराग जी ...
वाह !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - बर्गर नहीं ककड़ी खाइए साथ साथ ब्लॉग बुलेटिन पढ़ते जाइए
किसी ने थाम लिया... a friend in need is indeed
BADHIYA SIR.....!
BADHIYA SIR.....!
वाह: खूब कहा..अनुराग जी
इतना भी तक़दीर वाला,नहीं हर कोई
जिस मोड़ पे भी आए,था सामने कोई
सार्थक पोस्ट । मेरे पोस्ट पर आका इंतजार रहेगा । धन्यवाद .
प्रेम जी, आपकी पोस्ट पर छोडी हुई मेरी टिप्पणियाँ वहाँ दिखाई नहीं देती हैं - ज़रा पता करके बताइये कि माजरा क्या है।
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आते जाओ, मुस्कराते जाओ!