मूँ लटकाते आओगे और दांत दिखाते जाओगे - ऐसी तासीर है हमारे खस्ता शेरों की
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - मेरा सामान मुझे लौटा दो - ब्लॉग बुलेटिन
@ये खच्चरों को रेस में, बोझ ढोने को यह गधा ही बचा ...वाह!
बहुत खूब!
:)वक्त पर काम आते हैं खच्चर मेरेहमने रख्खे थे काबुल के घोड़े बहुत।
वाह जी रोज के काम के तो गधे और खच्चर ही होते हैं ।
आते जाओ, मुस्कराते जाओ!
5 टिप्पणियाँ:
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - मेरा सामान मुझे लौटा दो - ब्लॉग बुलेटिन
@ये खच्चरों को रेस में, बोझ ढोने को यह गधा ही बचा ...
वाह!
बहुत खूब!
:)
वक्त पर काम आते हैं खच्चर मेरे
हमने रख्खे थे काबुल के घोड़े बहुत।
वाह जी रोज के काम के तो गधे और खच्चर ही होते हैं ।
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