भारत हमको जान से प्यारा है ... |
चाट-चाट बेदम करैं या काट-काट कै अंत
आज़ाद हिन्द की आस में वीर हुए कुर्बान
ठग आजादी चर गए माल बाप का जान
नेताजी बस इक भए बोस सुभाष बलवीर
अब कायर नेता हो लिए, मारे कद्दू में तीर
चीनी पिकनिक कर रहे लद्दाखी हैं तंग
कोयला मंत्री खा गए रक्षा मंत्री मलंग
भोगी द्वीप खरीदते काले धन का ढेर
जनता के दिन न फिरे हुई सबेर पै देर
फ़त्ते बोझा सर धरे, पहुँचेंगे उस पार
ढोते-ढोते न थकें, सो चट्ट गये अचार!