शनिवार, 15 जून 2013

बेमेल विवाह - खस्ता कुंडली


मुँह में आँत न पेट में दाँत, चले ब्याह रचाने
कुछ ही गज पर खड़े हुए यमदूत लिवाने
दिन कम हैं घर बसाता हो जाए न लेट
चौथी शादी करे है विधुर नगर का सेठ

नगर का सेठ, ब्याह में जुटे हजारों लोग
पॉपधुनों पर नाचते छकते छप्पन भोग

छकते छप्पन भोग चकित हैं नर नारी
बूढ़े संग जीवन काटेगी कमसिन बेचारी

बेचारी के दुख से द्रवित हुए संपादक
इंटरव्यू करने चले बनकर ये याचक

याचक जी पूछन लगे वधू पक्ष के तीर
ताऊ पे दिल आ गया क्या तेरी तक़दीर

तक़दीरों की बात पे चहकी भोली बाला
घूँघट से बाहर आकर स्टेटमेंट दे डाला

डाला पत्थर ताल,  बवंडर करती वायु
बुद्धिमती वर देखती, नहीं देखती आयु

आयु से क्या लाभ, काम आती है इन्कम
ऊपर से बस ...  इत्ते हैं इनके दिन कम

(शब्द और चित्र: अनुराग शर्मा)

10 टिप्पणियाँ:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

याचक जी पूछन लगे वधू पक्ष के तीर
ताऊ पे दिल आ गया क्या तेरी तक़दीर

हा हा हा....जबरदस्त व्यंग, यमदूत जब आयेंगे तब देखेंगे, अभी तो ताऊ की निकल पडी.:)

रामराम.

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

ताऊ ने एक शेर पकड़ लिया और मस्त हो गये! मानो उन्ही की शादी हो रही हो.. :)

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

@ देवेंद्र पाण्डेय

लाहोल बला कूबत.....जान हथेली पर रखकर शेर को हमने पकडा तो मियां इस शादी से आपको ऐतराजां क्यूं?:)

रामराम.

Aditi Poonam ने कहा…

मजेदार व्यंग .....पर सच भी ...बढ़िया....

Satish Saxena ने कहा…

ताऊ के पास माल की कोई कमी नहीं ..
लड़की के मज़े हो गए !

के. सी. मईड़ा ने कहा…

वाह बहुत खुब ....

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता ने कहा…

:):):)

Smart Indian ने कहा…

धन्यवाद तुषार!

Dr ajay yadav ने कहा…

:) हा हा....

Unknown ने कहा…

:D

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